शिशु के जन्म से पहले करने वाली चीजें
आपके प्रसव की नियत तिथि अब पास आ रही है और जल्द ही आपका नन्हा शिशु आपकी गोद में होगा। यहां जानें कि शिशु के आने से पहले आपको क्या-क्या तैयारियां करने की जरुरत है।
शिशु के लिए अपने घर को तैयार करें
अगर आपको अपने घर में कुछ विशिष्ट परिवर्तन करवाने हैं तो इनके बारे में पहले से ही योजना बनाएं।
यदि आप शिशु के साथ एक बिस्तर पर सोएंगी, तो सुनिश्चित करें कि आपका पलंग शिशु के लिए सुरक्षित हो। या फिर आप कमरे में कॉट रखने की जगह बना सकती हैं, ताकि यह आपके पलंग के साथ अच्छी तरह फिट हो सके।
शिशु की नैपी, कपड़ों, स्नान के सामान और अन्य चीजों के लिए अलग अलमारी या दराज रखें। शिशु का सामान एक निश्चित जगह पर होने से शिशु के साथ अस्पताल से घर आने पर आप सभी के लिए आसानी होगी।
शॉपिंग लिस्ट बनाएं
यदि आपके परिवार में शिशु के जन्म से पहले उसके लिए खरीदारी न करने का रिवाज है, तो आप 'खरीदने वाली चीजों' और 'करने वाले कामों' की सूची बनाकर रखें। हर सामान के सामने आप उस दुकान का नाम लिख सकती हैं, जहां से वह मिलेगा। आप सामान का संक्षिप्त विवरण भी दे सकती हैं, कि वह कैसा दिखता है।
अपने घर को साफ और शिशु के लिए सुरक्षित बनाएं
शिशु के स्वागत के लिए घर को तैयार करने की आपकी प्रवृत्ति अब उभरने लगी होगी। इसका पूरा फायदा उठाएं!
हालांकि, खुद को थकाएं नहीं और साफ-सफाई के उत्पादों को लेकर सावधानी बरतें। क्योंकि हो सकता है इनमें से कुछ उत्पाद गर्भवती महिला के लिए सुरक्षित न हों। बेहतर है कि आप अपनी कामवाली से इन उत्पादों के इस्तेमाल के लिए कहें।
रसोई में भी तैयारी करके रखें
जब आप नन्हें शिशु को लेकर घर आती हैं, तो हो सकता है उसके कई दिनों या हफ्तों तक, खासकर कि पहले 40 दिनों तक घर के बड़े कामकाज या खाना बनाने का काम आप न कर पाएं।
इसलिए बेहतर है कि जितनी तैयारी आप इस समय कर सकें कर लें। अपनी रसोई को सुरक्षित बनाएं और जल्दी खराब न होने वाली चीजों जैसे कि चावल, आटा, दाल, चीनी, नमक, खाना बनाने का तेल आदि का पूरा स्टॉक रखें।
आप घर के लिए जरुरी अन्य सामानों को भी पहले से लाकर रख सकती हैं, जैसे कि सफाई के उत्पाद आदि, ताकि आपको उस समय कोई जरुरी खरीदारी न करनी पड़े।
प्रसव के बाद देखभाल के लिए मदद ढूंढ लें
जितना जल्दी हो सके उतना जल्दी आप यह योजना बना लें कि जब आप बहुत थकी होंगी और घर का ज्यादा काम न कर पाएंगी, तो आपकी मदद कौन कर सकता है।
यदि आपकी सास, माँ या परिवार का कोई अन्य सदस्य मदद के लिए तैयार है, तो उनके साथ पहले से ही घर के कामकाज और रसोई की जिम्मेदारियों को लेकर योजना बना लें।
यदि आपके परिवार के सदस्य आसपास नहीं रहते, तो शिशु के आने के बाद के लिए आप 24 घंटे की (लिव-इन) या पार्ट टाइम कामवाली रखने के बारे में सोच सकती हैं।
अपने बड़े बच्चे को भी तैयारी में शामिल करें
अगर आपका पहले से एक बच्चा है, तो उसे भी नए शिशु के स्वागत की तैयारी में शामिल करें। आप उन्हें साधारण निर्णय लेने में भागीदार बना सकती हैं, जैसे कि शिशु के लिए कौन से रंग की चादरें खरीदें आदि।
यदि आप नवजात शिशु के आने से पहले अपने बड़े बच्चे की दिनचर्या में बदलाव करना चाहती हैं, तो इन्हें अपनी डिलीवरी की अनुमानित तिथि से काफी पहले करना शुरु कर दें। इन बदलावों में शिशु को शौच का प्रशिक्षण (पॉटी ट्रेनिंग) देना या उसे खुद के अलग बिस्तर पर सुलाना शुरु करना आदि शामिल है।
अपने पालतू जानवरों को भी तैयार करें
नन्हें शिशु के लिए केवल आपको और आपके पति को ही बदलाव करने की जरुरत नहीं है, बल्कि आपके पालतू जानवरों को भी इसके लिए तैयार होना पड़ता है।
बेहतर है कि आपके पालतू जानवर शिशु के कमरे में न सोएं। यदि आपका पालतू कुत्ता या बिल्ली आपके बिस्तर पर सोने का आदि है, तो उनके सोने का इंतजाम घर में किसी और जगह कर दें, ताकि उन्हें कमरे से बाहर रहने की आदत हो जाए।
आप अपने कमरे के दरवाजे के साथ छोटा गेट भी लगवा सकती हैं, ताकि पालतू कुत्ते को कमरे से दूर रखा जा सके। बिल्ली को शिशु की कॉट या प्रैम पर चढ़ने से रोकने के लिए आप बिल्ली के लिए जाली भी खरीद सकती हैं।
अस्पताल ले जाने वाले बैग को पैक करें
आपका प्रसव किसी भी समय शुरु हो सकता है, तो सभी जरुरी चीजों को इकट्ठा कर लेना अच्छा रहता है।
प्रसव और शिशु के जन्म के बाद के लिए जरुरी सभी सामान को पैक करके बैग में रख लें और इसे सामने के दरवाजे के पास रख दें।
जन्म के बाद एकांतवास की योजना बनाएं
शिशु के जन्म के बाद शुरुआती कुछ हफ्ते आप कैसे बिताती हैं, इस बात का निर्णय आप, आपके परिवार और आपकी मान्यताओं पर निर्भर करता है।
अगर आप शिशु के जन्म के बाद पहले 40 दिनअपने माता-पिता के घर बिताना चाहती हैं या फिर आप अपनी माँ या सास को अपने पास बुलाना चाहती हैं, तो इस सबकी योजना पहले से ही बना लें।
यदि आप उस दौरान अधिकांश समय घर में ही रहना चाहती हैं, तो आपको खरीदारी और अन्य कामों जैसे कि आपके बड़े बच्चे को स्कूल लाने-ले जाने आदि के लिए पहले से इंतजाम करना होगा।
जरुरी फोन नंबर एकत्रित करें
प्रसव शुरु होने के समय पर अपनी एड्रेस बुक को ढूंढना स्थिति को और अधिक तनावपूर्ण बना देगा।
डॉक्टर और स्थानीय अस्पताल आदि के नंबर पहले से पता कर लें और उन्हें अपनी फेवरिट्स की लिस्ट में सेव कर लें या फिर उनका प्रिंट लेकर ऐसी जगह चिपका दें जहां सब लोग उसे देख सकें।
साथ ही सहायता के लिए अन्य वैकल्पिक संपर्क सूत्रों को भी तैयार रखें, जो कि आपको अस्पताल ले जाने में मदद करें या फिर घर पर अन्य बच्चों की देखभाल कर सकें
कार्यभार दूसरों को सौंप दें
दफ्तर में, अपने वरिष्ठ अफसर और सहकर्मियों को अपने अप्वाइंटमेंट्स, कार्य की प्रगति और मेटरनिटी लीव की योजना के बारे में बता कर रखें। आपको यह भी योजना बनानी होगी कि आपके छुट्टी पर जाने के बाद आपकी जिम्मेदारियां कौन संभालेगा।
घर पर, उन सभी कार्यों की सूची बनाएं जो आप आमतौर पर करती हैं, मगर प्रसव से ठीक पहले या बाद में उन्हें नहीं कर पाएंगी। इस तरह आपके पति को पता होगा कि वास्तव में क्या और कब करना है। इसके कुछ उदाहरण हैं:
अगले गैस सिलिंडर की बुकिंग कैसे और कब करनी हैपानी के फिल्टर की सर्विस कब होनी हैफोन के बिल का भुगतान कब करना हैप्रसव की नियत तिथि से पहले अपने कार की सर्विस करवाना, ताकि जरुरत पड़ने पर कोई मुश्किल खड़ी न हो।
शिशु के लिए पसंदीदा नामों का चयन कर लें
आपको अभी से शिशु के नाम को लेकर अंतिम फैसला नहीं करना है, मगर पसंदीदा नामों की सूची तैयार होने से नन्हें शिशु के आने पर उसमें से एक नाम चुनना आसान होगा।
अपने शिशु के लिए एकदम उचित नाम चुनने के लिए हमारे पास बहुत से साधन उपलब्ध हैं।
बेबी नेम फाइंडरबेबी नेम आइडियाजसर्वाधिक लोकप्रिय भारतीय शिशुओं के नामशिशुओं का नामकरण आसान बनाना के लिए आप हमारी बेबी नेम लिस्ट का प्रिंटआउट भी ले सकती है आप चाहें तो अपने मोबाइल से भी फोटो ले सकते हैं।
अंजन्मे शिशु की माँ के गर्भ में होने वाली हलचले या किक्स, एक माँ के लिए एक ना भूले जाने वाला पल होता है। बच्चे के जन्म से पहले या यह कहे कि उसके जन्म से बहुत पहले ही माता-पिता को बहुत तैयारी करनी पड़ती हैं।
माता-पिता बनने का एहसास एक ऐसा लम्हा होता है जब आपकी हर एक गूगल सर्च एक ही चीज़ पर आ कर रुक जाती है – नवजात शिशु के लिए खरीदे जाने वाले सामान की लिस्ट।
आप भी जानते है कि नवजात बच्चे के घर आने के बाद, कुछ समय के लिए तो आप बँध जाओगे और उस टाइम में शापिंग का तो सवाल ही नही उठता।
डिलिवरी के बाद आपको भी फिट होने में टाइम लगेगा। ज़ाहिर सी बात है कि शुरूआत के दिनों में आपका कही भी जा पाना संभव नही होगा, फिर चाहे आपकी नॉर्मल डिलिवरी है या सीज़ेरियन। इसके साथ-साथ आपके नवजात शिशु को भी आपकी पूरी जरूरत होगी। इस लिए नवजात शिशु के लिए कुछ जरूरी चीज़ों को उसके आने से पहले ही खरीद लेने में समझदारी होती है। यह सब चीज़ें इस प्रकार हैं।
नवजात शिशु का कमरा
एक्सपर्ट्स के मुताबिक नवजात शिशु का कमरा, उसमें इस्तेमाल होने वाले रंग, फर्नीचर, और बाकी जरूरत का साजो-समान, उसके व्यक्तित्व पर असर डालेंगे।
जब बात बच्चे के भविष्य की हो तो कोई समझौता हो ही नही सकता और ना ही इसको मज़ाक में लिया जा सकता है। इस में किसी किस्म की लापरवाही का मतलब है, अपने बच्चे के भविष्य से खिलवाड़ करना।
अगर आप चाहते हैं कि आपका बच्चा डॉक्टर बने, इंजिनियर बने, फिल्मी अदाकार बने, गायक बने, खिलाड़ी बने या सूपर हीरो बने; आपको उसकी तैयारी उसके पहले दिन से ही करनी पड़ेगी। यकीन मानिए, पहले की गई तैयारी बाद में आपका बहुत बड़ा मसला हल करेगी।
नवजात शिशु के कमरे की रूप-रेखा
अगर आपको इस बारे में कोई जानकारी नहीं है तो इसमे कोई हैरानी की बात नहीं है। लेकिन फिर भी, कमरे की रूप-रेखा के बारे में सोचना कोई मुश्किल बात नहीं है। इससे पहले की आप नवजात शिशु के कमरे में कोई भी बदलाव करे, आपको एक लिस्ट बना लेनी चाहिए।
सबसे पहले आपको आपने बच्चे के कमरे को समझना होगा। जी नहीं, आप इसको टाल नही सकते क्योंकि अगर आज आपको टाल देंगे, तो आपको बाद में पछताना पड़ेगा।
आपको, खुद से यह सवाल करने चाहिए –
कमरे में रोशनी कहाँ से आएगी? जरूरत से ज़्यादा रोशनी आपके बच्चे की नींद खराब करेगी और वो पूरी नींद नहीं ले पाएगा और वक़्त से पहले उठ जाएगा। क्या आप अपने बच्चे का बिस्तर ऐसी जगह प्लान कर रहे है जिसके पास कोई खिड़की है जहाँ से सर्दियों में ठंडी हवा आएगी? ऐसी छोटी छोटी चीज़े आपको अपने बच्चे के बेडरूम की जगह निर्धारित करने में बहुत मदद करेगी।
जरूरी फर्निचर
नवजात शिशु को घर लाने से पहले आपको कुछ फर्निचर जरूर खरीद लेना चाहिए। कुछ चीज़े जैसे सोने के लिए पालना, डाइपर बदलने के लिए कोई फोम या गद्दे वाला आरामदायक और सेफ मेज़, शिशु के कपड़े रखने के लिए कोई कपबोर्ड या अलमारी जिसमे जरूरत के हिसाब से खाने हो, स्तनपान करवाने के लिए कुर्सी और मेज़, और अगर आप बच्चे को ज़मीन पर लिटा के मालिश इत्यादि करना चाहती है तो उसके लिए कोई मखमली सा कंबल। यह सब चीज़ों का इंतेज़ाम पहले से ही कर लें।
बच्चे के कमरे के रंग
बच्चे के कमरे के रंग बड़ों के कमरे के रंगों से एकदम अलग तरीके से चुने जाते हैं। यहाँ पर आपको थोड़ी कलाकारी सीखनी ही पड़ेगी। प्रयोग करके देखें; दो दीवारों पर एक जैसा रंग और बाकी बची दो दीवारों पर कुछ हलका रंग करके देखें। रंग बड़े ध्यान से चुने क्योंकि रंगों से ही सारे कमरे की रौनक है।
बच्चे के कमरे के पर्दे
बच्चे के कमरे के पर्दे चुनते समय कुछ चीज़ों का खास तौर पर ध्यान रखा जाना चाहिए, जैसे कि पर्दे के रंग, पर्दे की लंबाई, और पर्दे टांगने की रॉड। रॉड वाले पर्दे से दुर्घटना का डर बना रहता है। जैसे ही आपका बच्चा चीज़ों को पकड़-पकड़ के चलने लगता है, तो ज़ाहिर सी बात है कि वो पर्दों को पकड़ के भी चलने की कोशिश करेगा और ऐसे में पर्दे के उपर से गिरने का ख़तरा ज़्यादा होता है। ध्यान रखे कि पर्दों की लंबाई ज़्यादा ना हो ताकि आपका बच्चा उसमे फँस कर ना गिरे।
घर की सफाई
गर्भावस्था में खुद से झाड़पोंछ करना ख़तरनाक हो सकता है, आप गिर भी सकती है और आपको धूल मिट्टी से एलर्जी भी हो सकती है। तो, बेहतर रहेगा कि इस काम में किसी का साथ ले लिया जाए। बहुत सी ऐसी संस्थाएँ है जो इस तरह की साफ़ सफाई में निपुण होती है। किसी ऐसे एक्सपर्ट की मदद ले लेनी चाहिए जो मुश्किल से मुश्किल कोने में भी सफाई करना जानता हो।
यह नीचे एक लिस्ट दी गई है। ऐसी ही एक लिस्ट आप बना ले और हो सके तो उसका प्रिंट भी ले ले। इससे आपको यह पता चल जाएगा की आपको उपर लिखे सब छोटे बड़े बदलाव करने के लिए कितने पैसे की जरूरत पड़ेगी।
डाइपर या कपड़े बदलने के लिए एक चेंजिंग टेबलबेबी वाइप्स, बेबी डाइपर, बेबी ओवरॉल, लंगोट – देख लीजिए कि उस समय मौसम क्या होगाएक दो कंबल या स्वेडल रैप – नवजात शिशु को अच्छी तरह से लपेटेने के लिएएक या दो जंप सूट और उसके उपर पहने जाने वाले स्वेटर भी ले ले (अगर आपका बच्चा सर्दियों में आएगा)फर्नीचर में – बच्चे का पालना, स्तनपान के लिए कुर्सी मेज़, कपड़े रखने के लिए कपबोर्ड, पालने के लिए एक गद्दा, कुछ बेड-शीट्स और कंबल, और ज़मीन पर बिछाने के लिए एक छोटा गद्दानहलाने के लिए एक छोटा टब जो ज़्यादा गहरा बिल्कुल ना हो, कुछ नर्म तौलिये, नहाने का साबुन, और टियर फ्री शैम्पूअगर आप गाड़ी चलाते हैं तो, बच्चे की सीट जो खास तौर पर कार के लिए बनाई जाती हैएक स्ट्रोलरस्तनपान के लिए कम से कम दो नर्सिंग ब्रा और पेड्सदूध पीने की बोतल और उनको
इनके साथ साथ अपने लिए भी कुछ खुले कपड़े ले ले। शिशु होने के बाद कुछ महीनो तक आप अपना वजन कम नही कर पाएँगी।
सबसे जरूरी बात, एक बढ़िया सा शिशु विशेषज्ञ जरूर ढूंढ लें। ध्यान रहे की यह एक ऐसा विशेषज्ञ हो जो हर समय आपके लिए उपलब्ध हो। जिस भी डॉक्टर ने आपकी डिलिवरी की है, उसी से पूछिए क्योंकि उसके पास कोई ना कोई सुझाव अवश्य होगा।